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Friday 18 October 2013

Journey of Sex

अलीम मेरे दिल में आपने जगह बना ली। आप मेरी सहेली फरहीन के रिश्तेदार है। बांग्लादेश के रहने वाले। ये इत्तिफाक है या आपके साथ बने जिस्मानी संबंधो का असर की मेरा दिल आपके नाम से धड़कने लगा हे। जानते हो अलीम मे आपकी ही तरह एक सजीले मुस्लिम मर्द सैफी से प्यार करती हूँ। पर अलीम आपने मेरे साथ इस तरह सेक्स किया की मै आपको याद करने लगी हूँ। एक दुसरे देश का मुस्लिम लड़का जिसने मेरे  जिस्म में अपनी खुसबू भर दी वो आप हो अलीम। मेरी योनि को अपने शिश्न से  लस्त - पस्त करने वाले अलीम जी सच तो ये हे आपने मुझसे बेरहमी से सेक्स करके मेरे मन में अपने  मुहब्बत जगा दी। आपने मेरे स्तनों को जब मम्मे कहके  हे तो में आपके जिस्म में सिमट जाती हु। मेरी हिप मेरी कमर अपने सख्त हातो से मसलते हे तो में आपके हात जोड़ कर आपसे पनाह मागती हूँ। मेरी योनि आपके शिश्न के आगे का लाल फूल देखकर डरने लगती है। अलीम आप मेरी कमर के नीचे तकिया रखकर मुझे बेबस करके इतना जोरदार सेक्स करते हे की पूरा कमरा मेरी कराहों और सिसकियो से गूंज उठता है। आपका सेक्स का अंदाज़ जो मुझे बिस्तर पर रगड़ के रख देता है वही मेरे मन में आपके लिए मुहब्बत भर देता है।      

Monday 14 October 2013

Sex with 2nd Boy..

कुछ दिनों की छुट्टी पर हम अपने घर गए थे। सैफी आप मुझे बहुत याद आते थे। आपके साथ सेक्स की बात  के में शरमा जाती थी। मेरा मन भी करता था की आप कहीं से आया जाओ और मेरे साथ सेक्स करो। पर वहां आप कहाँ थे। ऐसे ही एक दिन जब हम आपके ख्यालो में  छत  पे खड़े थे तो मुझे अपने घर के सामने के घर में एक लड़का दिखाई दिया, ये सहेली  का घर था। बाद में पता चला वो लड़का फरहीन का रिश्तेदार   अलीम हे। सैफी मेरे मन में आपके अलावा कोई नहीं है पर अलीम न जाने कैसे मेरे करीब आ गया। इतना करीब कि हम उसके सामने मजबूर हो गये। सैफी आप उस दिन भी  हमें याद आया रहे थे जब अलीम ने मेरी स्कर्ट मेरी जाघों के नीचे खींच दी। आपकी गिफ्ट दी हुई ब्रा तो अलीम कब कि उतार चुके थे। मेरी रोमहीन टाँगे सहलाते हुए अलीम मेरे ऊपर छाते  जा रहे थे।  मे   न सकी शायद रोकना ही नहीं चाहती थी। उनका मुस्लिम शिश्न मेरी  योनि  का  चुम्बन लेकर उसपे प्रहार करने लगा। मेरे होठो से सिसकारियां निकल रही थी। अलीम की बेरहमी मेरे स्तनों को झेलने पड़  रही थी। अलीम की सेक्स की रफ़्तार से मे  कराह  उठी थी। मेरी योनि पर अलीम के मुस्लिम शिश्न की मार से बड़ी सेक्सी आवाज़े आ   रही थी और   वो आवाज़े अलीम को और ज्यादा सेक्स करने पे मजबूर कर रही थी। उस दिन अलीम ने हमें रगड़ के     अपने घर से आने दिया।  यूँ मेरी जिंदगी में दूसरा मर्द आया जिसने मेरे साथ जोरदार सेक्स किया। जबकि हम  अभी  17 साल के भी पूरे नहीं हुए थे। सच सैफी,  अलीम बिलकुल आपकी ही तरह मर्द है। पर सैफी  शायद हमने आपको धोका दिया है पर यकीन करो अलीम के साथ सेक्स करते वक़्त हम सिर्फ आपको याद कर रहे थे।   

Thursday 10 October 2013

Overnight Love and Sex..

आखिर वो रात आ गई जब में आपके साथ आपके बिस्तर में थी। अब तक आपने मुझसे सिर्फ दिन में ही सेक्स किया था। पर अब हम रात में साथ थे। अपनी सहेली के भाई  की शादी  से में आपके पास पहुच गई थी। मुझे देखते ही आपने मुझे गले लगा से लगा लिया, मेरे स्तनों को दबा कर मेरे होठो को चूसने लगे थे। आज मेने लहंगा चोली पहना हुआ था। ठीक वैसे ही जैसे दुल्हन पहनती हे। सच आज रात में आपकी दुल्हन थी। आपने मेरे स्तन, कमर और नितम्बो को दबाते हुए मुझे नंगा कर रहे थे। आज रात के अँधेरे में मै आपके शिश्न की दासी थी। आज सारी रात आप मुझसे सेक्स करते रहे। हर सेक्स के कुछ देर बाद ही आप फिर सेक्स के लिए तयार हो जाते थे। सच सैफी आज की रात मै आपकी पत्नी थी और आप मेरे पति। आज मेने एक पत्नी की तरह आपके पैर दबाये, आपकी हर सेवा की।आपके के हुक्म पे आज हमने आपके शिश्न का लाल फूल अपने मुह में लिया। आज आपने मेरे कमसिन स्तनों को रगड़ लाल कर चुके थे। आपकी इस बेरहमी ने आज कई बार  मेरी आँखों से आंसू निकाले। सच सैफी मुझे आपके   सेक्स का वो तरीका बहुत अच्छा लगा जब आपने अपने कंधे पर म्रेरी टांगो को रखा कर अपने शिश्न का प्रहार मेरी योनि पर कर रहे थे। मै आपके इस अंदाज़ से दर्द से कराह रही थी और पूरी रफ़्तार से मुझसे सम्भोग कर रहे थे।  सच मेरे होने वाले पति जी, मेरे सैफी आज की रात आपने  मुझसे कई बार सम्भोग करके यादगार बना दी। और सबसे यादगार  है जब आज आपने   बाथरूम  में पानी के फव्वारे के निचे मुझ से सेक्स किया।         

Love and Sex...

मै जानती हूँ सैफी आप 24 -25 साल के एक भरपूर मर्द हैं। सच मै ऐसा ही सजीला मर्द अपनी जिंदगी में चाहती थी। मै क्या हर लड़की अपनी जिंदगी में ऐसा ही मर्द चाहती है। आपने ने मेरे साथ सेक्स करके मेरे शरीर के अंगो को नया आकर दिया है। मेरी योनि आपके वीर्य से नहाने के बाद खुश्बूदार हो गई है। मेरे स्तन आपके हाथो से रगड़े जाने के बाद और उन्नत हो गए हैं। मेरे  अंडरगारमेंट चेंज हो गये हैं। अब मै समीज़ की जगह ब्रा पहनने लगी हूँ। सच पूछो मेरे प्रियतम तो आपने मुझे एक सम्पूर्ण लड़की बना दिया है। अपनी  प्रेमिका बना लिया है। मै जानती हूँ आप मेरी कजिन यानि राजीव की बहन संजना से भी सेक्स करते है। पर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आपकी जिंदगी में संजना मुझसे पहले से है, कोई बात नहीं। मेरे लिए तो इतनी ही बात अच्छी है कि आप ने मुझे अपनी बाहों में जगह दी। सैफी ओह मेरे प्रियतम मेरे अंग अंग में आपने अपने हाथो से जवानी भर दी है। मेरे कौमार्य को तोड़ कर मुझे जो मीठा दर्द आपने दिया है वो मेरे लिए अनमोल धरोहर है। आपके वीर्य की महक मुझे मदहोश कर देती है। सैफी ये अस्मिता आपके जिस्म को अपने जिस्म पे चादर की तरह महसूस करके काँप जाती है। आपके मुस्लिम शिश्न के प्रहार कितने घातक होते है ये मेरी योनि से बेहतर कौन जान सकता है। और आपके हाथो की सख्ती का हाल कोई मेरे कमसिन स्तनों से पूछे? आप  जब भी मेरे साथ सम्भोग करते है मै और मेरी योनि दोनों ही पनाह मागने लगते है। आप के शिश्न का गुस्सा  कर अब मेरी योनि डर से सिकुड़ जाती है पर वो आपके मुस्लिम शिश्न की दीवानी बन चुकी है। आपके मुस्लिम शिश्न के आगे का लाल फूल की ठोकर मेरी योनि का  भुरता बना  है और मै आपके पैरो में सर रखकर विनंती करती हु पर आप मेरी विनंती ठुकराकर मुझसे सेक्स करते रहते हैं।सैफी  अब तो मेरे जिस्म को आपके जिस्म की आदत होती जा रही है।         

Wednesday 9 October 2013

The Love..

सैफी क्यों मेरा ये जिस्म आपकी मजबूत बाहों में पिघलने  है। क्यों मै आपकी बाहों में सहमती, सिकुड़ती रहती हूँ। अब तो आप मुझसे बेहिचक गंदी बातें करते है। ऐसी बातें जो मैने आज तक कभी नहीं सुनी थी, अब वो बातें में अक्सर सुनती हूँ आप  मेरे जिस्म के विशेष अंगो को अश्लील नामो से बुलातें है। सच कहूँ प्रियतम तो अब ये सब आपके होठों से सुनने में मुझे अच्छा लगता है। आप मेरे सीने के उभारों को जब चूचियां कहते हैं तो में शर्म से लाल हो जाती हूँ। अब तो जब भी मै आपके साथ अकेली होती हूँ आप मुझे पूरी तरह से नंगी करके अपनी बाहों में दबोचते मसलते रहते है।  आप सम्भोग से पहले मेरे  हाथों से अपने शिश्न पर कंडोम लगवाते हैं, मुझे शर्म आती हे पर अच्छा भी लगता हे। सैफी सच कहूँ तो आपके मुस्लिम शिश्न ने मेरी योनि की हालत ख़राब करके रक्खी हुई है।  आप बिस्तर पर मुझे रगड़ कर रख देते हैं, अच्छा लगता है। सैफी अब मै अक्सर अपने  जिस्म में एक महक महसूस करती हूँ, मेरे प्रियतम आपकी महक है वो।    

Sunday 29 September 2013

My Second Sex: The Journey of Heaven

अब मै क्वांरी नहीं थी, मेरे कौमार्य की कली  फूल बन चुकी थी। और  फूल को मैने अपने प्रियतम सैफी आपके कदमो पे लुटा दिया था। अभी मेरे जिस्म से पहले सम्भोग का खुमार उतरा भी नहीं था, की में  वापस आपके साथ आपके बिस्तर में थी। आज आप मुझसे बेझिझक अश्लील बातें कर रहे थे, मुझे गालियाँ दे रहे थे। सच आज मुझे लग रहा था की मै एक मुस्लिम मर्द की  प्रियतमा  हूँ। कुछ ही देर बीती थी की आप मेरे जिस्म को रगड़ने लगे थे। सबसे ज्यादा शामत मेरे सीने के उभारों की हुई थी। आप मेरे कुल्हों, मेरी जांघों को भी मसल रहे थे। मैं आपकी मिन्नतें कर  थी पर आप मेरी हर मिन्नत, हर विनंती को ठुकराकर मुझे बिस्तर में सिमटने पर मजबूर कर रहे थे। आपके नमकीन होठ मेरे होठो को अपनी पनाह में ले चुके थे,  आपने अपने होठों और जीभ से मेरे स्तनों के निप्पल को  चूस कर मुझे रोमनचित कर रहे थे।  तो जाने कब की आप मेरे उतार चुके थे। सच में पूरी तरह नंगी पाने प्रियतम के बाहों में  रही थी। आज आपने हुक्म दिया था की मै आपकी  अंडरवियर उतारूँ। मै शर्म से लाल हो  गई। मुझे चुप देख कर आपने एक थप्पड़ मार  के  कहा  अस्मिता जल्दी उतारो मेरी अंडरवियर तो में  आपके हुक्म के आगे अवश आपकी  अंडरवियर उतारने लगी। आज जी भर  के मेने आपके शिश्न को देखा था। शिश्न के अगले भाग पर एक गुलाबी फूल, एक मुस्लिम मर्द की पहचान। उस मर्द की पहचान जिसकी मै  प्रियतमा बन चुकी थी।   कुछ पालो बाद ही कोण बदल गए  थे   आप मेरे जिस्म के ऊपर थे और आपके शिश्न का गुलाबी फूल मेरे योनि के होठों को चूम रहा थे और आप मेरे स्तनों को चूम रहे थे। बस आपने मुझे अपनी बाहों में भीच कर मेरे होठों को चूसते हुए अपने शिश्न का भरपूर वार मेरी योनि पर कर दिया। मै दर्द से कसमसा उठी। रो पड़ी। छोड़ देने के लिए आपसे प्रार्थना की पर आपने बेरहम बन कर वार पर वार किये। आपके शिश्न के आघातों को झेलते हुए अचानक मेरी योनि सुख से सराबोर  हो गई।   मेरे मन आनंद  से नाच उठा। आप मुझे स्वर्ग की  यात्रा पर  लेकर जा रहे थे। मै अपनी दसो उंगलियों से आपके बाल और पीठ सहला रही थी और आप तूफ़ान की तरह मुझे झिंझोड़ रहे थे। ये तूफ़ान तब शांत हुआ जब मै न जाने कितनी बार स्वर्ग के गोते लगा चुकी थी। सच सैफी आज  आपने अपनी को स्वर्ग  की   यात्रा  कराई है।    Now I was not Virgin, flower bud had become my virginity. Give up on your feet! Saifi and flowers I gave my love. Inebriation of my body landed just before intercourse was not even in the back was with you in your bed. Feel free porn you were talking to me today, I was cussing. Today I am really seemed'm a Muslim man, sweetie. Had gone just a little while you were rubbing my body. Missing was the biggest relief of my chest.You Kulhon me, my thighs were too saw. I was begging you on my every prayer, every request beating out were forced on me in bed folding. Your salty lips my lips had taken into their shelter, you make your lips and tongue sucking on the nipple of my breasts were Romncit me. When were you going to take me. Really get completely naked in the arms was beloved. I had ordered today you Utaruँ your underwear. I was blushing. You have up to see me take off my underwear so early an identity slapped in front of your orders should study took off your underwear. Maine saw your penis around this law. A pink flower on the front of the penis, the identity of a Muslim man. I loved the man, whose identity had become. Bich me in your arms, you can just suck my lips on my vagina has hit all of his penis. I woke up with pain Ksmsa. Cried. But you have to let your prayer be wise to wise to be cruel. Sudden shocks in spite of your penis my vagina was wet with pleasure. Picking up my mind dancing with joy. You were taking me on a trip to paradise. I was stroking back your hair with your fingers to form enormous flocks — and the storm was tormenting me. The storm then let down so many times when I had been diving paradise. Saifi is true today you've made the trip to paradise.    

Saturday 28 September 2013

पहले सेक्स के बाद का खुमार..

में  भी तो साधारण लड़की  ही ठहरी। जब लड़कियां अपनी सुहागरात को भुला नहीं पाती तो भला मै कैसे इनसे अलग हो  सकती हूँ। सच मुझ   पे भी पहले सेक्स का खुमार अभी    तक चड़ा हुआ है। मै अब भी पहले सेक्स को याद करके सिहर - सिहर जाती हूँ। कैसे मेरे प्रियतम ने मेरे जिस्म को बेलिबास किया, मै पहली बार किसी मर्द के सामने पूरी  नंगी थी। बचपन के बाद पहली बार कोई मेरे जिस्म को प्राकृतिक रूप में देख  रहा था। सच शर्म  के मारे मेरी आँखे अपने आप ही बंद हो गई थी मानो खुद को बिना कपडे के देख ही नहीं पाएंगी।    पर वो तो मुझे बिना कपड़ो के देख रहा था  साथ में अपने कपडे भी उतार रहा था। देखते - देखते वो भी बिना कपड़ो के हो गया।  मेरे सामने पहली बार कोई मर्द बिना कपड़ो के था।  मेने पलकों  के किनारे से  उन्हें देखा। मेरी नज़र सैफी के कसरती  बदन से फिसल कर उनके कठोर शिश्न पर  ठहर गई,  देख मेरी साँसों की  रफ़्तार बढ गई। उनके  मुस्लिम शिश्न के आगे के गुलाबी हिस्से को देखकर मेरे होठो से  खुद  निकला   ओह सैफी! और फिर अपना नाम  सुनकर वो मेरे जिस्म पे चादर की तरह छाते चले गए, मेरी हर बात , हर विनंती को  ठुकराकर।  ओह सैफी आप मेरे जिस्म से तब उतरे जब  मेरा कौमार्य  चूर हो चूका था।मैं  सिमट के आपके सीने पर सर रख के अपने आपको समेट  रही थी और आप मेरे स्तनों और विशेष अंगों को दबा रहे थे। सच पहले सेक्स का खुमार अब तक मेरे जिस्म से नहीं उतरा है और जल्दी उतरेगा भी नहीं।